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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 हिन्दी - हिन्दी का राष्ट्रीय काव्य

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :200
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2785
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 हिन्दी - हिन्दी का राष्ट्रीय काव्य - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- "दिनकर" के काव्य के भाव पक्ष को निरूपित कीजिए।

उत्तर -

दिनकर ने परवशता की काल राति के सघन अन्धकार को बेधकर देश में स्वतन्त्रता का आलोक भर देने की शक्ति रखने वाली किरणें अपने चमकीले पंख खोल रहीं हैं। 'दिनकर' एक परिवर्तन चाहते हैं, जिसके द्वारा भूखे नंगे भारत के लिए एक बार फिर उसका अतीत भविष्य बन सके। उनके विचारों में गति है और भावों में दृढ़ता। उनमें एक से भारतीय आत्मा की तरुणाई फिर खेलने लगी है। - डॉ राम कुमार वर्मा

"हमारे क्रान्ति युग का सम्पूर्ण प्रतिनिधित्व कविता में इस समय 'दिनकर' कर रहा है। क्रान्तिकारी को जिन-जिन हृदय मंथनों से गुजरना होता है, 'दिनकर' की कविता उसकी सच्ची तस्वीर है।" -श्री रामवृक्ष बेनीपुरी

रामधारी सिंह 'दिनकर' मूल रूप से क्रान्ति एवं राष्ट्रीयता की अदभुत शक्ति उत्पन्न करने वाले राष्ट्रीय कवि हैं। दिनकर समकालीन मुरझाए सुस्त एवं उदासीन लोगों में चेतना एवं जागृति के मन्त्र फूँकने वाले कवि हैं। उनके काव्य में अनुभूतिगत विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

(क) राष्ट्रीय भावना - आधुनिक काल में राष्ट्रीय कवियों में दिनकर जी अन्यतम हैं। उनकी कविताओं में देशव्यापी जागरण का तीव्र स्वर है। वे अपनी प्राचीन संस्कृति, सभ्यता एवं इतिहास के पक्षधर तथा राष्ट्रीयता एवं जनतन्त्र के सजग प्रहरी हैं। इन पर वे कभी किसी भी प्रकार की आँच नहीं आने देना चाहते। इन तत्वों के आभाव में एवं पतन के समय वे क्रान्ति एवं विद्रोह का आह्वान करते हैं-

"कह दे शंकर आज करें वे प्रलय नित्य फिर एक बार,
सारे भारत में गूँज उठे 'हर हर बम' फिर महोच्चार।

(ख) सौन्दर्य निरूपण - 'दिनकर' के काव्य में प्रेम और सौन्दर्य का अद्भुत समन्वय देखने को मिलता है। यह प्रभाव सम्भवतः उन पर छायावादियों का है। सौन्दर्य चित्र के लिए प्रमुख रूप से उनकी 'रस बसन्त' 'द्वन्द्वगीत' और 'उर्वशी' आदि रचनाएँ प्रशंसीनय हैं।

'उर्वशी' के सौन्दर्य वर्णन के लिए कवि कहता है कि वह ऐसी जान पड़ती है मानों सम्पूर्ण सिद्धियाँ एक मूर्ति में ही सिमट कर रह गई हों उसके लाल लाल चरण कमल, कुंकुम एवं जावक के तुल्य हैं। उसके अरुण अधरों पर संसार भर की माधुरी रखी हुई है। उसकी आँखों कुछ-कुछ वारुणी रंग की निद्रा भरी हुई प्रतीत होती है। इस शारीरिक सौन्दर्य के अतिरिक्त सौन्दर्य की प्रचुर अभिव्यक्ति भी हुई है। 'उर्वशी' स्वयं कहती हैं-

"मैं मनोदेश की वायु व्यग्र, व्याकुल चंचल,
अवचेत प्राण की प्रभा, चेतना के जल में,
मै नहीं सिन्धु की सुता,
तलातल अतल वितल पाताल छोड़
नीले समुद्र को फोड़ शुभ्र झलमल फेनाशुक में प्रतीति
नाचती उर्मियों के सिर पर,
मैं नहीं महातल से निकली '

(ग) शोषितों के प्रति सहानुभूति - 'दिनकर' में प्रगतिवादी विचार भावनाएँ भी हैं। इसी सन्दर्भ में वे प्रत्येक वर्ग और समाज का कल्याण और विकास चाहते हैं। निम्न वर्ग की दयनीय स्थिति को देखकर उनके साथ सहानुभूति प्रकट करना उनका स्वभाव था। समाज की आर्थिक अव्यवस्था, शोषण एवं अन्यास को देखकर वे आग बबूले हो जाते हैं। फलस्वरूप विद्रोह फफक उठता है -

"श्वानों को मिलता दूध-भात भूखे बालक अकुलाते हैं।
माँ की हड्डी से चिपक ठिठुर जाड़े की रात बिताते हैं।

(घ) प्रकृति-चित्रण - 'दिनकर' की रचनाओं में प्रकृति चित्रण के भी पर्याप्त अवसर हैं। छायावादी कवियों की भाँति उन्होंने भी प्रकृति के विभिन्न रूपों की बाँकी झाँकी प्रस्तुत की है। अपने काव्य में कवि ने आलम्बन, उद्दीपन, रहस्यात्मक मानवीकरण, विराट एवं कोमल आदि सभी रूपों के चित्र प्रस्तुत किये हैं। उनके प्रकृति वर्णन पर छायावाद का प्रभाव स्पष्ट प्रतीत होता है। 'उषा' को एक अभिमानी नायिका की तरह देखकर कवि पूछ बैठता है.

"कंचन भाल सजा सौरभ से ओ फूलों की रानी।
अलसाई सी चली कहाँ करने किसकी अगवानी।
वैभव का उन्माद रुकी यह कैसी नादानी?
ऊषे भूल न जाना ओस ही करुणामयी कहानी।

इसके अतिरिक्त प्रकृति के नैसर्गिक सौन्दर्य एवं रूप की अटूट प्यास इनकी कविताओं में अन्यत्र भी निहित हैं-

"व्योम कुंजों की सखी अति कल्पने,
आ उतर हँस ले जरा बन फूल से '

(ङ) कोमल भावना - कवि जहाँ विद्रोह एवं क्रान्तिवादी है वहीं उसमें कोमल भावनाएँ भी हैं। प्रणय सौन्दर्य, यौवन एवं मादक वर्णनों में कवि की यही भावना प्रकट हुई है। इस सम्बन्ध में कवि स्वयं कहता है.

" संस्कारों से मैं कला के सामाजिक पक्ष का प्रेमी अवश्य बन गया था किन्तु मेरा मन भी चाहता था कि गर्जन तर्जन से दूर रहूँ और केवल ऐसी ही कविता लिखूँ जिसमें कोमलता और कल्पना का ही उभार हो। सुयशक हो मुझे 'हुँकार' से मिला किन्तु, आत्मा मेरी अब भी रसवन्ती में बसती है।' कोमल भावना का एक उदाहरण द्रष्टव्य है-
"आँख में काली घटा, उर में प्रणय की प्यास "

(च) मानवतावादी दृष्टिकोण - 'दिनकर' के काव्य में मानवतावादी दृष्टि अत्यन्त सजीव है। अपने 'आदर्श विश्व' की संरचना में वे ऐसे विश्व का निर्माण करना चाहते हैं। जहाँ सुख, समृद्धि, न्याय एव परस्पर प्रेम का ही साम्राज्य हो। यह समस्त वसुधा आहत से वंचित हो। 'कुरुक्षेत्र' और 'रश्मिरथी' में दिनकर ने युद्ध की विभीषिका समाप्त करने के लिए मानवतावाद की स्थापना की। उन्होंने विज्ञान की भौतिकवादी, घोर स्वार्थी एवं संकुचित बुद्धिवादी प्रवृत्तियों के स्थान पर प्रेम, स्नेह, सद्भाव आदि मानवीय जीवन मूल्यों की प्रतिष्ठा की-

"श्रेय उनका आँसुओं की धार, श्रेय उनका मग्न वीणा की अधीर पुरा।

(छ) समष्टि के प्रति प्रेम - राष्ट्रकवि दिनकर में समूचे समाज के प्रति प्रेम की अनन्य धारा प्रवाहित है। अपनी संस्कृति पर उन्हें अटूट आस्था एवं विश्वास है। साम्यवाद के प्रति दिनकर का प्रेम, प्रगतिवादियों का प्रभाव है। 'कुरुक्षेत्र के षष्ठ सर्ग में इसी सप्रेम की चर्चा करते हैं -

धर्म का दीप दया का दीप,
कब जलेगा कब जलेगा विश्व में भगवान।
साम्य की वह रश्मि स्निग्ध उदार,
कब खिलेगी? कब खिलेगी विश्व में भगवान।

(ज) श्रृंगार भावना - दिनकर ने जहाँ एक ओर राष्ट्रीयता एवं ओजपूर्ण गीतों की रचना की है वहीं दूसरी ओर उनके काव्य 'रसवन्ती' और 'उर्वशी' में शृंगारिक धारा भी प्रवाहित है ऐसी कविताओं में उपभोग और विस्मय, इन तत्वों का सम्मिश्रण है। 'उर्वशी' को हम 'गीतिनाटय' कहते हैं जिसमें श्रृंगार रस का एक मौलिक, नवीन एवं मनोवैज्ञानिक सांस्कृतिक स्वरूप प्रस्तुत किया गया है। उर्वशी और पुरुरवा का काम भावना सम्बन्धी उक्तियों की मनोरंजक अभिव्यंजना इसमें हुई है -

"विद्ध हो जाता सहज बंकिम नयन के बाण से,
जीत लेती रूपसी नारी उसे मुस्कान से।'

(झ) बौद्धिक चेतना - श्रृंगारिक भावना के अतिरिक्त दिनकर जी बौद्धिक चेतना के कई रूपों के दर्शन भी उनकी नील कुसुम की कविताओं में होते हैं। यह भी दिनकर के काव्य की एक महत्वपूर्ण विशेषता है 'संकार' ओर अर्द्धनारीश्वर नर्तकी और 'कवि की मृत्यु कविताओं में क्रमशः आशा एवं आस्था 'व्यक्ति की अपेक्षा सामाजिकता' का आधिक्य दृष्टिगोचर होता है। इसके अतिरिक्त 'स्वप्न' और 'सत्य' एवं लोहे के पेड होंगे आदि कविताओं में क्रमशः आशा और आस्था 'व्यक्ति की अपेक्षा सामाजिकता' का अधिक्य दृष्टिगोचर होता है। इसके अतिरिक्त 'स्वप्न और सत्य' एवं लोहे के पेड़ हरे होंगे आदि कविताओं में बौद्धिक चेतना के तीसरे स्वरूप की झाँकी प्रस्तुत हुई है।

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि दिनकर का काव्य अनुभूति पक्ष की दृष्टि से अत्यन्त प्रभावोत्पादक एवं सशक्त है। उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से राष्ट्रीयता, मानवतावाद एवं मानव मूल्यों की स्थापना की है। वे समाज की अव्यवस्था विषमता के प्रति विद्रोह एवं क्रान्ति करने के साथ ही जन जागरण के राष्ट्रवादी काव्यधारा के परम आलोक हैं। 'दिनकर' को राष्ट्रवादी, मानवतावादी क्रान्ति का गायन कहना उचित होगा।

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    अनुक्रम

  1. अध्याय - 1 चंदबरदाई : पृथ्वीराज रासो के रेवा तट समय के अंश
  2. प्रश्न- रासो की प्रमाणिकता पर विचार कीजिए।
  3. प्रश्न- पृथ्वीराज रासो महाकाव्य की भाषा पर अपना मत स्पष्ट कीजिए।
  4. प्रश्न- पृथ्वीराज रासो को जातीय चेतना का महाकाव्य कहना कहाँ तक उचित है। तर्क संगत उत्तर दीजिए।
  5. प्रश्न- पृथ्वीराज रासो के सत्ताइसवें सर्ग 'रेवा तट समय' का सारांश लिखिए।
  6. प्रश्न- रासो शब्द की व्युत्पत्ति के सम्बन्ध में प्राप्त मतों का संक्षिप्त उल्लेख कीजिए।
  7. प्रश्न- पृथ्वीराज रासो' में अभिव्यक्त इतिहास पक्ष की विवेचना कीजिए।
  8. प्रश्न- विद्यापति भोग के कवि हैं? क्यों?
  9. अध्याय - 2 जगनिक : आल्हा खण्ड
  10. प्रश्न- जगनिक के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
  11. प्रश्न- जगनिक कृत 'आल्हाखण्ड' का उल्लेख कीजिए।
  12. प्रश्न- आल्हा की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  13. प्रश्न- कवि जगनिक द्वारा आल्हा ऊदल की कथा सृजन का उद्देश्य वर्णित कीजिए। उत्तर -
  14. प्रश्न- 'आल्हा' की कथा का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  15. प्रश्न- कवि जगनिक का हिन्दी साहित्य में स्थान निर्धारित कीजिए।
  16. अध्याय - 3 गुरु गोविन्द सिंह
  17. प्रश्न- गुरु गोविन्द सिंह के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
  18. प्रश्न- गुरु गोविन्द सिंह की रचनाओं पर अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।
  19. प्रश्न- गुरु गोविन्द सिंह' की भाषा पर प्रकाश डालिए।
  20. प्रश्न- सिख धर्म में दशम ग्रन्थ का क्या महत्व है?
  21. प्रश्न- गुरु गोविन्द सिंह के पश्चात् सिख धर्म में किस परम्परा का प्रचलन हुआ?
  22. अध्याय - 4 भूषण
  23. प्रश्न- महाकवि भूषण का संक्षिप्त जीवन और साहित्यिक परिचय दीजिए।
  24. प्रश्न- भूषण ने किन काव्यों की रचना की?
  25. प्रश्न- भूषण की वीर भावना का स्वरूप क्या है?
  26. प्रश्न- वीर भावना कितने प्रकार की होती है?
  27. प्रश्न- भूषण की युद्ध वीर भावना की उदाहरण सहित विवेचना कीजिए।
  28. अध्याय - 5 भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
  29. प्रश्न- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की शैलीगत विशेषताओं को निरूपित कीजिए।
  30. प्रश्न- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के काव्य की भाव-पक्षीय विशेषताओं का निरूपण कीजिए।
  31. प्रश्न- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की भाषागत विशेषताओं का विवेचन कीजिए।
  32. प्रश्न- भारतेन्दु जी के काव्य की कला पक्षीय विशेषताओं का निरूपण कीजिए।
  33. प्रश्न- भीतर भीतर सब रस चूस पद की व्याख्या कीजिए।
  34. अध्याय - 6 अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
  35. प्रश्न- अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' का जीवन परिचय दीजिए।
  36. प्रश्न- अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' के काव्य की भाव एवं कला की भाव एवं कलापक्षीय विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  37. प्रश्न- सिद्ध कीजिए अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' द्विवेदी युग के प्रतिनिधि कवि हैं।
  38. प्रश्न- हरिऔध जी का रचना संसार एवं रचना शिल्प पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
  39. प्रश्न- प्रिय प्रवास की छन्द योजना पर विचार कीजिए।
  40. प्रश्न- 'जन्मभूमि' कविता में कवि हरिऔध जी का देश की भूमि के प्रति क्या भावना लक्षित होती है?
  41. अध्याय - 7 मैथिलीशरण गुप्त
  42. प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त का जीवन-परिचय देते हुए उनकी रचनाओं का उल्लेख कीजिए।
  43. प्रश्न- 'गुप्त जी राष्ट्रीय कवि की अपेक्षा जातीय कवि अधिक हैं। उपर्युक्त कथन की युक्तिपूर्ण विवेचना कीजिए।
  44. प्रश्न- गुप्त जी के काव्य के कला-पक्ष की समीक्षा कीजिए।
  45. प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त की कविता मातृभूमि का भाव व्यक्त कीजिए।
  46. प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त किस कवि के रूप में विख्यात हैं? उल्लेख कीजिए।
  47. प्रश्न- 'मातृभूमि' कविता में मैथिलीशरण गुप्त ने क्या पिरोया है?
  48. प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त के प्रथम काव्य संग्रह का क्या नाम है? साकेत की कथावस्तु का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  49. प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त ने आर्य शीर्षक कविता में क्या उल्लेख किया है?
  50. अध्याय - 8 जयशंकर प्रसाद
  51. प्रश्न- सिद्ध कीजिए "प्रसाद का प्रकृति-चित्रण बड़ा सजीव एवं अनूठा है।'
  52. प्रश्न- महाकवि जयशंकर प्रसाद के काव्य में राष्ट्रीय चेतना का निरूपण कीजिए।
  53. प्रश्न- 'प्रसाद' के कलापक्ष का विश्लेषण कीजिए।
  54. प्रश्न- 'अरुण यह मधुमय देश हमारा' कविता का सारांश / सार/ कथ्य अपने शब्दों में लिखिए।
  55. प्रश्न- प्रसाद जी द्वारा रचित राष्ट्रीय काव्यधारा से ओत-प्रोत 'प्रयाण गीत' का सारांश लिखिए।
  56. प्रश्न- जयशंकर प्रसाद जी का हिन्दी साहित्य में स्थान निर्धारित कीजिए।
  57. प्रश्न- प्रसाद जी के काव्य में नवजागरण की मुख्य भूमिका रही है। तथ्यपूर्ण उत्तर दीजिए।
  58. अध्याय - 9 सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
  59. प्रश्न- 'सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' एक क्रान्तिकारी कवि थे।' इस दृष्टि से उनकी काव्यगत प्रवृत्तियों की समीक्षा कीजिए।
  60. प्रश्न- 'निराला ओज और सौन्दर्य के कवि हैं। इस कथन की विवेचना कीजिए।
  61. प्रश्न- निराला के काव्य-भाषा पर एक निबन्ध लिखिए। यथोचित उदाहरण भी दीजिए।
  62. प्रश्न- निराला के जीवन का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  63. प्रश्न- निराला के काव्य में अभिव्यक्त वैयक्तिकता पर प्रकाश डालिए।
  64. प्रश्न- निराला के काव्य में प्रकृति का किन-किन रूपों में चित्रण हुआ है? स्पष्ट कीजिए।
  65. प्रश्न- निराला के साहित्यिक जीवन का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  66. प्रश्न- निराला की सांस्कृतिक चेतना पर प्रकाश डालिए।
  67. प्रश्न- निराला की विद्रोहधर्मिता पर प्रकाश डालिए।
  68. प्रश्न- महाकवि निराला जी की 'भारती जय-विजय करे' कविता का सारांश लिखिए।
  69. अध्याय - 10 माखनलाल चतुर्वेदी
  70. प्रश्न- माखनलाल चतुर्वेदी के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
  71. प्रश्न- "कवि माखनलाल चतुर्वेदी जी के काव्य में राष्ट्रीय चेतना लक्षित होती है।" इस कथन की सोदाहरण पुष्टि कीजिए।
  72. प्रश्न- 'माखनलाल जी' की साहित्यिक साधना पर प्रकाश डालिए?
  73. प्रश्न- माखनलाल चतुर्वेदी ने साहित्य रचना का महत्व किस प्रकार प्रकट किया?
  74. प्रश्न- साहित्य पत्रकारिता में माखन लाल चतुर्वेदी का क्या स्थान है
  75. प्रश्न- 'पुष्प की अभिलाषा' कविता का सारांश लिखिए।
  76. प्रश्न- माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा रचित 'जवानी' कविता का सारांश लिखिए।
  77. अध्याय - 11 सुभद्रा कुमारी चौहान
  78. प्रश्न- कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान के जीवन और साहित्य पर प्रकाश डालिए।
  79. प्रश्न- सुभद्रा कुमारी चौहान किस कविता के माध्यम से क्रान्ति का स्मरण दिलाती हैं?
  80. प्रश्न- 'वीरों का कैसा हो वसंत' कविता का सारांश लिखिए।
  81. प्रश्न- 'झाँसी की रानी' गीत का सारांश लिखिए।
  82. अध्याय - 12 बालकृष्ण शर्मा नवीन
  83. प्रश्न- पं. बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' जी का जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
  84. प्रश्न- कवि बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' जी की राष्ट्रीय चेतना / भावना पर प्रकाश डालिए।
  85. प्रश्न- 'विप्लव गायन' गीत का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
  86. प्रश्न- नवीन जी के 'हिन्दुस्तान हमारा है' गीत का सारांश लिखिए।
  87. प्रश्न- कवि बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' स्वाधीनता के पुजारी हैं। इस कथन को सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
  88. अध्याय - 13 रामधारी सिंह 'दिनकर'
  89. प्रश्न- दिनकर जी राष्ट्रीय चेतना और जनजागरण के कवि हैं। विवेचना कीजिए।
  90. प्रश्न- "दिनकर" के काव्य के भाव पक्ष को निरूपित कीजिए।
  91. प्रश्न- 'दिनकर' के काव्य के कला पक्ष का विवेचन कीजिए।
  92. प्रश्न- रामधारी सिंह दिनकर का संक्षिप्त जीवन-परिचय दीजिए।
  93. प्रश्न- दिनकर जी द्वारा विदेशों में किए गए भ्रमण पर प्रकाश डालिए।
  94. प्रश्न- दिनकर जी की काव्यधारा का क्रमिक विकास बताइए।
  95. प्रश्न- शहीद स्तवन (कलम आज उनकी जयबोल) का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
  96. प्रश्न- दिनकर जी की 'हिमालय' कविता का सारांश लिखिए।
  97. अध्याय - 14 श्यामलाल गुप्त 'पार्षद'
  98. प्रश्न- कवि श्यामलाल गुप्त का जीवन परिचय एवं राष्ट्र चेतना पर प्रकाश डालिए।
  99. प्रश्न- झण्डा गीत का सारांश लिखिए।
  100. प्रश्न- पार्षद जी ने स्वाधीनता आन्दोलन में शामिल होने के कारण क्या-क्या कष्ट सहन किये।
  101. प्रश्न- श्यामलाल गुप्त पार्षद के हिन्दी साहित्य में योगदान के लिए क्या सम्मान मिला?
  102. अध्याय - 15 श्यामनारायण पाण्डेय
  103. प्रश्न- श्यामनारायण पाण्डे के जीवन और साहित्य पर प्रकाश डालिए।
  104. प्रश्न- श्यामनारायण पाण्डेय ने राष्ट्रीय चेतना का संचार किस प्रकार किया?
  105. प्रश्न- श्यामनारायण पाण्डेय द्वारा रचित 'चेतक की वीरता' कविता का सार लिखिए।
  106. प्रश्न- 'राणा की तलवार' कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
  107. अध्याय - 16 द्वारिकाप्रसाद माहेश्वरी
  108. प्रश्न- प्रसिद्ध बाल कवि द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी का जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
  109. प्रश्न- 'उठो धरा के अमर सपूतों' का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
  110. प्रश्न- वीर तुम बढ़े चलो गीत का सारांश लिखिए।
  111. अध्याय - 17 गोपालप्रसाद व्यास
  112. प्रश्न- कवि गोपालप्रसाद 'व्यास' का एक राष्ट्रीय कवि के रूप में परिचय दीजिए।
  113. प्रश्न- कवि गोपाल प्रसाद व्यास किस भाषा के मर्मज्ञ माने जाते थे?
  114. प्रश्न- गोपाल प्रसाद व्यास द्वारा रचित खूनी हस्ताक्षर कविता का सारांश लिखिए।
  115. प्रश्न- "शहीदों में तू अपना नाम लिखा ले रे" कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
  116. अध्याय - 18 सोहनलाल द्विवेदी
  117. प्रश्न- कवि सोहनलाल द्विवेदी जी का जीवन और साहित्य क्या था? स्पष्ट कीजिए।
  118. प्रश्न- कवि सोहनलाल द्विवेदी के काव्य में समाहित राष्ट्रीय चेतना का उल्लेख कीजिए।
  119. प्रश्न- 'मातृभूमि' कविता का केन्द्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए।
  120. प्रश्न- 'तुम्हें नमन' कविता का सारांश लिखिए।
  121. प्रश्न- कवि सोहनलाल द्विवेदी जी ने महात्मा गाँधी को अपने काव्य में क्या स्थान दिया है?
  122. प्रश्न- सोहनलाल द्विवेदी जी की रचनाएँ राष्ट्रीय जागरण का पर्याय हैं। स्पष्ट कीजिए।
  123. अध्याय - 19 अटल बिहारी वाजपेयी
  124. प्रश्न- कवि अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
  125. प्रश्न- अटल बिहारी वाजपेयी के कवि रूप पर प्रकाश डालिए।
  126. प्रश्न- अटल जी का काव्य जन सापेक्ष है। सिद्ध कीजिए।
  127. प्रश्न- अटल जी की रचनाओं में भारतीयता का स्वर मुखरित हुआ है। स्पष्ट कीजिए।
  128. प्रश्न- कदम मिलाकर चलना होगा कविता का सारांश लिखिए।
  129. प्रश्न- उनकी याद करें कविता का सारांश लिखिए।
  130. अध्याय - 20 डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक'
  131. प्रश्न- डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' के जीवन और साहित्य पर प्रकाश डालिए।
  132. प्रश्न- निशंक जी के साहित्य के विषय में अन्य विद्वानों के मतों पर प्रकाश डालिए।
  133. प्रश्न- डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक'के साहित्यिक जीवन पर प्रकाश डालिए।
  134. प्रश्न- हम भारतवासी कविता का सारांश लिखिए।
  135. प्रश्न- मातृवन्दना कविता का सारांश लिखिए।
  136. अध्याय - 21 कवि प्रदीप
  137. प्रश्न- कवि प्रदीप के जीवन और साहित्य का चित्रण कीजिए।
  138. प्रश्न- कवि प्रदीप की साहित्यिक अभिरुचि का परिचय दीजिए।
  139. प्रश्न- कवि प्रदीप किस विचारधारा के पक्षधर थे?
  140. प्रश्न- 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गीत का आधार क्या था?
  141. प्रश्न- गीतकार और गायक के रूप में कवि प्रदीप की लोकप्रियता कब हुई?
  142. प्रश्न- स्वतन्त्रता आन्दोलन में कवि प्रदीप की क्या भूमिका रही?
  143. अध्याय - 22 साहिर लुधियानवी
  144. प्रश्न- साहिर लुधियानवी का साहित्यिक परिचय दीजिए।
  145. प्रश्न- 'यह देश है वीर जवानों का' गीत का सारांश लिखिए।
  146. प्रश्न- साहिर लुधियानवी के गीतों में किन सामाजिक समस्याओं को उठाया गया है?
  147. अध्याय - 23 प्रेम धवन
  148. प्रश्न- गीतकार प्रेम धवन के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
  149. प्रश्न- गीतकार प्रेम धवन के गीत देशभक्ति से ओतप्रोत हैं। स्पष्ट कीजिए।
  150. प्रश्न- 'छोड़ों कल की बातें' गीत किस फिल्म से लिया गया है? कवि ने इसमें क्या कहना चाहा है?
  151. प्रश्न- 'ऐ मेरे प्यारे वतन' गीत किस पृष्ठभूमि पर आधारित है?
  152. अध्याय - 24 कैफ़ी आज़मी
  153. प्रश्न- गीतकार कैफी आज़मी के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
  154. प्रश्न- "सर हिमालय का हमने न झुकने दिया।" इस पंक्ति का क्या भाव है?
  155. प्रश्न- "कर चले हम फिदा जानोतन साथियों" गीत का प्रतिपाद्य / सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
  156. प्रश्न- सैनिक अपनी मातृभूमि के प्रति क्या भाव रखता है?
  157. अध्याय - 25 राजेन्द्र कृष्ण
  158. प्रश्न- गीतकार राजेन्द्र कृष्ण के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
  159. प्रश्न- 'जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती हैं बसेरा' गीत का मूल भाव क्या है?
  160. अध्याय - 26 गुलशन बावरा
  161. प्रश्न- गीतकार गुलशन बावरा के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
  162. प्रश्न- 'मेरे देश की धरती सोना उगले गीत का प्रतिपाद्य लिखिए। '
  163. अध्याय - 27 इन्दीवर
  164. प्रश्न- गीतकार इन्दीवर के जीवन और फिल्मी कैरियर का वर्णन कीजिए।
  165. प्रश्न- 'है प्रीत जहाँ की रीत सदा' गीत का मुख्य भाव क्या है?
  166. प्रश्न- गीतकार इन्दीवर ने किन प्रमुख फिल्मों में गीत लिखे?
  167. अध्याय - 28 प्रसून जोशी
  168. प्रश्न- गीतकार प्रसून जोशी के जीवन और साहित्य का चित्रण कीजिए।
  169. प्रश्न- 'देश रंगीला रंगीला' गीत में गीतकार प्रसून जोशी ने क्या चित्रण किया है?
  170. प्रश्न- 'देश रंगीला रंगीला' गीत में कवि ने इश्क का रंग कैसा बताया है?

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